Sunday, September 15, 2024
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येगा ददा मोर किस्मत गड़हईया (रचना )

येगा ददा मोर किसमत गड़हईया !
अऊ सही रद्दा के तही बतईया !!
कतका दुख सासत ला सही के
छोटे ले मोला बड़े करईया !!
येगा ददा मोर किसमत गढ़हईया!!!

छोटन ले तय बड़े करें !
पढ़ा लिखा के तय खड़ा करें !!
देहे माया दुलार बने
रग रग मोर संस्कार भरे !!
मीठ बोली तय भाखा भरईया !!
येगा ददा मोर किससमत गड़हईया !!!

काग ल तय कोयल बनाये !
रेग बुले बर तही सिखाये !!
ये दुनिया ल चिन्हाये बढ़िया !
सत वचन तोर मोर मन भाये !!
किरपा रहय तोरआशीष के छईया
येगा ददा मोर किससमत गड़हईया !!!

तोर जीयत ले पायेव सुख मय !
अऊ झूलेव महल अटारी !!
गियान के सागर दाई ददा ला !
झईन समझाव खेलवारी !!
तोर कोरा म सुख के छईया!!
येगा ददा मोर किससमत गड़हईया !!!


बुन्दराम जांगड़े
पचपेड़ी
जिला बिलासपुर

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