इंदौर में सुबह-सुबह हड़कंप: व्यापारी चिराग जैन की घर में घुसकर हत्या, बिजनेस पार्टनर फरार

इंदौर 

 मध्यप्रदेश के इंदौर के एक बड़े उद्योगपति की हत्या कर दी गई है। उनके बिजनेस पार्टनर ने ही यह कत्ल किया है। लोहा पाइप फैक्ट्री के मालिक उद्योगपति चिराग जैन की उनके पार्टनर विवेक जैन ने चाकू मारकर हत्या की। बिजनेस पार्टनर शनिवार को सुबह सुबह बातचीत के बहाने मृतक के घर आया था। उस समय चिराग जैन की पत्नी मॉर्निंग वॉक पर गई थीं और 8 साल का बेटा सो रहा था। पुलिस के अनुसार दोनों के बीच लेन-देन को लेकर कुछ विवाद हुआ। गुस्से में आए विवेक जैन ने घर में ही रखा चाकू उठाया और चिराग जैन को गोद दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया।

एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के अनुसार उद्योगपति चिराग जैन की सांवेर रोड पर लोहा पाइप की फैक्ट्री है। वे तिलक नगर में रहने वाले विवेक जैन के साथ मिलकर बिजनेस करते थे। दोनों का लेनदेन को लेकर विवाद था। शनिवार सुबह विवेक जैन चिराग के घर पहुंचा। वहां उसने चिराग जैन पर चाकुओं से ताबड़तोड़ कई वार किए। कई गंभीर चोटें लगने से उनकी तुरंत मौत हो गई।

मिलन हाइट्स के फ्लैट नंबर 806 में वारदात हुई

कनाडिया क्षेत्र में मिलन हाइट्स के फ्लैट नंबर 806 में यह वारदात हुई। यहां चिराग जैन अपने परिवार के साथ अपार्टमेंट के आठवें फ्लोर पर रहते थे। सुबह करीब 6:30 से 7 बजे के बीच मृतक के पार्टनर ने उनका कत्ल किया।​ हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया।

वारदात मिलन हाइट्स अपार्टमेंट में हुई। इस दौरान चिराग का बेटा नींद से जाग गया। आरोपी हत्या करने के बाद मौके से फरार हो गया। बेटे ने ही मां को फोन कर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक, मिलन हाइट्स के फ्लैट नंबर 806 में चिराग जैन अपने परिवार के साथ रहते थे। उनकी सांवेर रोड पर पाइप की फैक्ट्री है। तिलक नगर में रहने वाले बिजनेस पार्टनर विवेक जैन से पिछले कुछ समय से चिराग का विवाद चल रहा था। शनिवार सुबह विवेक बात करने के बहाने चिराग के घर पहुंचा था।

घर में रखा चाकू उठाकर चिराग पर कई वार किए घर में चिराग और विवेक के बीच कहासुनी हुई। विवाद इतना बढ़ा कि विवेक ने घर में रखा चाकू उठाकर चिराग पर कई वार कर दिए। हमले में चिराग की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद विवेक मौके से भाग निकला।

कुछ देर बाद आसपास के लोगों ने देखा कि घर का गेट खुला हुआ है और अंदर खून फैला हुआ है। उन्होंने फौरन पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए एमवाय अस्पताल भेजा और आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रहे कनाडिया टीआई सहर्ष यादव ने बताया कि घटना सुबह करीब 6:30 से 7 बजे के बीच की है। दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ, ये जांच के बाद ही पता चलेगा। आरोपी बिजनेस पार्टनर फरार है। गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई हैं। फोरेंसिक टीम जांच कर रही है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है।

दोस्त ने कहा- गले-पेट पर चाकू के 10-12 घाव चिराग के दोस्त दीपक जैन ने बताया कि जब हम पहुंचे तो चिराग खून से लथपथ थे। उनके गले और पेट पर 10-12 चाकू के निशान थे। पता चला कि बिजनेस पार्टनर विवेक घर में घुसकर हमला कर फरार हो गया।

दीपक के मुताबिक, दोनों पहले साथ काम करते थे, लेकिन कुछ महीने पहले अलग हो गए थे। इसी रंजिश की वजह से यह घटना हुई है। विवेक इतनी बड़ी वारदात कर सकता है, यह किसी ने नहीं सोचा था।

चिराग और विवेक भिंड के रहने वाले, लोन विवेक की प्रॉपर्टी चिराग और विवेक जैन दोनों ही भिंड के रहने वाले थे। दोनों ही कारोबार के लिए इंदौर आए थे। सूत्रों के मुताबिक कारोबार के लिए चिराग और विवेक ने लोन लिया था। इसके लिए विवेक की प्रॉपर्टी को बैंक में गिरवी रखा गया था। विवेक इस प्रॉपर्टी को लोन से फ्री कराना चाहता था, लेकिन चिराग इसमें आनाकानी कर रहा था।

बताया जा रहा है कि चिराग ने सांवेर रोड स्थित फैक्ट्री और अन्य जगहों पर विवेक के आने पर भी पाबंदी लगा दी थी। विवेक को रोकने के लिए बाउंसर भी बैठा दिए थे। चिराग ने मिलन हाइट्स का फ्लैट दो साल पहले ही खरीदा था।

आरोपी विवेक जैन का एक वीडियो सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह कुछ दिन पहले का है। वीडियो में विवेक जैन कह रहा है –

मैं पिछले 12 साल से इंदौर में अरियन सेल्स में चिराग जैन के साथ पार्टनर हूं। कंपनी में मेरी 50% हिस्सेदारी है और मेरी संपत्ति भी इसमें लगी हुई है, जिसका अब तक निपटारा नहीं हुआ है। चिराग जैन ने मेरे साथ बेईमानी की है। कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन न तो उन्होंने समझा और न ही कोई समाधान निकाला। अब हालात यह है कि उन्होंने मुझे कंपनी से बाहर कर दिया है और ऑफिस में भी आने नहीं देते। जब मैं हिसाब-किताब की बात करता हूं तो वह कोई जवाब नहीं देते। उल्टा, उन्होंने ऑफिस में बाउंसर रख दिए हैं जो मुझे अंदर नहीं जाने देते

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