जांजगीर के क्वारेंटाइन में रही गर्भवती महिला और बच्चे की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही आरोप, प्रदेश में 2 घटना 

Johar36garh (Web Desk)| जांजगीर जिला के हथनेवरा क्वारेंटीन सेंटर की गर्भवती महिला ने जिला अस्पताल में प्रसव के बाद दम तोड़ दिया है। इससे कुछ घण्टे पहले प्रसव के दौरान बच्चे की भी मौत हुई थी | महिला के पति ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप  लगाते हुए कहा की प्रसव के घंटो बाद भी महिला को देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं आया |  जिसकी वजह उसकी मौत हुई है | महिला शिवरीनारायण के लोहर्सी गांव की रहने वाली थी।
जांजगीर के क्वारेंटाइन में रही गर्भवती महिला और बच्चे की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही आरोप, प्रदेश में 2 घटना 
आपको बता दे की पामगढ़ शिवरीनारायण के ग्राम पंचायत लोहर्सी की रहने वाली लक्ष्मीन बाई साहू अपने पति और परिवार के साथ रोजी-रोटी की तलाश में जम्मू कश्मीर गई थी। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से महिला अपने परिवार के साथ 24 मई को जांजगीर चाम्पा लौटी थी। इसके बाद इन्हें हथनेवरा के क्वारेंटाइन सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया था। गुरुवार को महिला के पेट में अचानक दर्द उठने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां प्रसव के दौरान उसके बच्चे की मौत हो गई. कुछ घंटों बाद महिला ने भी दम तोड़ दिया.मृतक महिला के परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर बी.एस कुर्रे ने बताया कि महिला की क्वारंटाइन सेंटर में तबियत बिगड़ी थी। इसके बाद उसे जिला अस्पताल लाया गया था। महिला 7 महीने के गर्भ से थे, और अस्पताल लाने के बाद उसका प्रसव कराया गया, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ। अस्पताल में स्त्री रोग विशेषग्य डॉ. ममता जगत ने कराया था। उनके अनुसार इन्फेक्शन की वजह से बच्चे और मां की मौत हुई है।  परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में महिला को सही इलाज नहीं मिल पाया, जिसके चलते महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत हो गई.

इसके पहले भी छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे कई लोगों की जान जा चुकी है. बड़ा सवाल यही है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन क्या क्वॉरेंटाइन सेंटरों में व्यवस्था दुरुस्थ नहीं कर पा रही है | गुरुवार को ही गरियाबंद जिले मैनपुर ब्लॉक के धारनिधोड़ा गांव में क्वारंटाइन सेंटर में रह रही एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी| उससे पहले एक मासूम की चंद्रपुर से बालोद आये. बच्चे उनकी तबियत बिगड़ने पर टटेंगा क्वारंटाइन सेंटर से उन्हें कोविड़ हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया. जहां बच्चे की मौत हो गई थी |

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