रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश में गुटखा और गुड़ाखू पर प्रतिबन्ध लगाने के संकेत दिए है, उन्होंने कहा है की छत्तीसगढ़ में गुटखे और गुड़ाखू पर प्रतिबंध को लेकर चर्चा जारी है। इस पर प्रतिबंध एकाएक लगाया जाए या फिर धीरे-धीरे इसे लेकर सरकार विचार कर रही है। सिंहदेव ने कहा कि कमेटी बनाकर उन राज्यों का भी मुआयना कराया जा रहा है जहां गुटखा प्रतिबंधित किया जा चुका है। सिंहदेव के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि सरकार जल्दी ही गुटखा और गुड़ाखू प्रतिबंधित कर सकती है।
आपको बताते है गुटखा खाने से सेहत को होने वाले नुकसानों के बारे में
तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाए वो सेहत को नुकसान ही पहुँचाता है। तम्बाकू का ऐसा ही एक रूप है गुटखा जो तम्बाकू के साथ कत्था और सुपारी मिला कर बनाया जाता है। गली गली की हर छोटी से छोटी दुकान पर मिला करने वाले इस रूप को शौक के रूप में खाने वाले लोगों को कब इसकी लत लग गयी, ये तो शायद उन्हें भी पता नहीं चला होगा। अलग अलग स्वाद और रंग बिरंगे पाउच में मिलने वाले गुटखे पर भले ही रोक लग गयी हो लेकिन क्यूँकि ये लोगों की जेब पर भारी नहीं पड़ता इसलिए गुटखा खाने वाले इस आदत को छोड़ने के बारे में सोचते ही नहीं और गुटखे की इस लत के शिकार लोगों में युवाओं की संख्या भी कम नहीं है।ऐसे में अगर आपको ये पता चले कि छोटे से पाउच में आने वाला तम्बाकू का ये रूप कैसे मौत के मुँह तक ले जाता है तो शायद इसे न खाने के बारे में सोचा जा सकेगा। चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि गुटखा खाने का बुरा असर न केवल दांतों पर बल्कि शरीर के कई भागों पर पड़ता है।
गुटखा खाने के नुकसान
दांत गल जाते है – लगातार गुटखा खाने से दांत समय से पहले ढीले व कमजोर हो जाते हैं और बैक्टीरिया दांतों में जगह बना लेते हैं जिससे दांत गल जाते हैं।
शरीर के एंज़ाइम्स पर बुरा प्रभाव – गुटखे में कई नशीले पदार्थों का मिश्रण होता है जिसके कारण ये शरीर के एंज़ाइम्स पर बुरा असर डालता है।हमारे शरीर के हर अंग में साइप-450 नामक एंजाइम पाया जाता है जो हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और गुटखे के सेवन से इस एन्ज़ाइम की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
मुँह का कैंसर – गुटखे का लगातार सेवन करने वाले लोगों के जीभ, जबड़ों व गालों के भीतर संवेदनशील सफेद पेच बनने लगते है और मुँह में कैंसर की कोशिकाएं विकसित होने लगती है।जिसके बाद मुँह का खुलना धीरे धीरे बंद होने लगता है और मुँह में पूरी तरह फैल चुका ये कैंसर बहुत बार जानलेवा भी साबित होता है।
डीएनए को क्षति – गुटखा खाना शरीर के हॉर्मोन्स को तो प्रभावित करता ही है साथ ही इसके सेवन से डीएनए को भी क्षति पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है।
फेफड़ों का कैंसर – गुटखे से होने वाला नुकसान केवल मुँह के कैंसर तक ही नहीं रुकता बल्कि गले और श्वासनली से होता हुआ फेफड़ों में पहुंच कर कैंसर का रूप ले लेता है।
दिल को भी पहुँचता है नुकसान – गुटखे के थोड़ी सी मात्रा का सेवन दिल की बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होता है और उच्च रक्तचाप रहने का सम्बन्ध इसके सेवन से ही होता है।
पेट की तकलीफ़ – अनजाने में गुटखे की लगायी गयी लत पेट में दर्द और अल्सर जैसी बीमारियां पैदा कर देता है और इसके सेवन से एसिडिटी की शिकायत रहना एक आम बात है।
अनिद्रा की समस्या – गुटखे में मौजूद नशीले पदार्थ जहाँ व्यक्ति को अच्छा महसूस कराते हैं वहीँ इसका सेवन अनिद्रा जैसे रोग भी उत्पन्न करता है।
गर्भवती महिलाओं को हानि – गुटखे का सेवन करने वालों में महिलाओं का नाम भी शुमार है। प्रेग्नेंसी के दौरान गुटखे का सेवन शिशु के वज़न को प्रभावित करता है और नशीले पदार्थों के सेवन से कई बार गर्भपात की स्थिति भी आ जाती है।इसके अलावा गुटखे का सेवन महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित भी करता है और बुढ़ापे के लक्षण भी जल्दी ले आता है।
सेक्स क्षमता पर प्रभाव – रिसर्च बताते हैं कि गुटखे का सेवन न केवल कैंसर को बढ़ावा देता है बल्कि इसके सेवन का सबसे ज़्यादा कुप्रभाव सेक्स क्षमता पर पड़ता है और इससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता के समाप्त हो जाने की संभावना भी रहती है।
गुटखे के सेवन से कोई फायदा नहीं होता बल्कि शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है जिसे बिना सोचे जाने ही अपनी दिनचर्या का एक जरुरी हिस्सा बना लिया जाता है।लेकिन अब आप जान गए हैं कि गुटखा सेहत का दुश्मन है दोस्त नहीं। इसलिए अभी से इसके सेवन को रोक दीजिये और अपने शरीर के प्रति अपने फ़र्ज़ को अच्छे से निभाइये।उम्मीद है जागरूक पर गुटखा खाने के नुकसान कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।