भारतीय संविधान अनुच्छेद 224
अतिरिक्त एवं कार्यवाहक न्यायाधीशों की नियुक्ति
(1) यदि किसी उच्च न्यायालय के कामकाज में किसी अस्थायी वृद्धि के कारण या उसमें काम के बकाया के कारण, राष्ट्रपति को यह प्रतीत होता है कि उस न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या कुछ समय के लिए बढ़ा दी जानी चाहिए, तो राष्ट्रपति
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के परामर्श से, विधिवत योग्य व्यक्तियों को दो वर्ष से अधिक की अवधि के लिए न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त कर सकता है, जैसा कि वह निर्दिष्ट कर सकता है।
(2) जब मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी उच्च न्यायालय का कोई न्यायाधीश अनुपस्थिति के कारण या किसी अन्य कारण से अपने कार्यालय के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ होता है या अस्थायी रूप से मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया जाता है, तो राष्ट्रपति, परामर्श से राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग, एक विधिवत योग्य व्यक्ति को उस न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त करता है जब तक कि स्थायी न्यायाधीश अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू नहीं कर देता।
(3) उच्च न्यायालय के अतिरिक्त या कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कोई भी व्यक्ति बासठ वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद पद धारण नहीं करेगा।
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