Johar36garh (Web Desk)छत्तीसगढ़ जांजगीर जिला के प्रवासी मजदूरों को उनके गंतब्य स्थान पर छोड़ने के बजाय भटकाया गया | यूपी से निकले 40 मजदूरों के पहले धमतरी फिर कोरबा में छोड़ दिया गया | जांजगीर जिला के मालखरौदा इलाके के 70 में से 40 मजदूरों की वापसी नाटकीय अंदाज में हुई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मऊ से उन्हें पड़ोसी राज्य झारखंड की सीमा में गढ़वा तक भिजवाने की व्यवस्था की थी. एक 1 जून की सुबह मजदूर बस के जरिया झारखंड बॉर्डर कर पहुंचे. कुछ घंटे रुकने के बाद एक ट्रक के जरिए इन मजदूरों को छत्तीसगढ़ के धमतरी भिजवाया दिया गया है. मजदूरों का आरोप है कि धमतरी पहुंचे ही ट्रक से उतार दिया गया. वहां कुछ घंटे बिताने के बाद एक ट्रक के जरिए कोरबा जिले के लिए रवाना कर दिया गया. बुधवार सुबह तुलसी नगर के गेरवाघाट पुल के पास मजदूरों को उतारकर ट्रक चालक अपने रास्ते निकल गई. मजदूरों का कहना है कि घर तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. उनका कहना है कि मालखरौदा के बाकी 30 मजदूरों को भी कोरबा के कटघोरा इलाके में उतार दिया गया है. सभी अब घर जाने की राह ताक रहे हैं.
मजदूरों की मानें तो कोरबा में एक पार्षद ने उनकी मदद की. सभी का खाने का इंतजाम किया गया. फिर स्थानीय प्रशासन से मदद लेकर मजदूरों को वापस मलखरौदा के लिए रवाना किया गया. इस पूरे मामले में यह बात समझ से परे है कि आखिर जांजगीर-चांपा जिले के मजदूरों को उनके गांव जाने के लिए पहले उत्तर प्रदेश से झारखंड फिर वहां से धमतरी तक का सफर क्यों करना पड़ा. यह पूरी जानकारी मजदूरों के हवाले से सामने आई है. मजदूर मानते हैं कि जानकारी के अभाव में इतना लंबा चक्कर लगाना पड़ा.