जांजगीर-चांपा :नगरीय क्षेत्रों में 19 नवंबर 2018 तक के कब्जाधारियों, राशनकार्डधारी, आवासहीनों को अब आवास हेतु स्थायी पट्टा मिलेगा।शासन के निर्देशों के तहत अब नगरपालिका क्षेत्रों में 800 वर्गफुट तथा नगर पंचायत क्षेत्र में 1000 वर्गफुट का आवासीय भूमि का स्थायी पट्टा राजीवगांधी आश्रय योजना के तहत प्रदाय करने की कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में आज कलेक्टर श्री जनक प्रसाद पाठक की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक आहूत की गई। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को उक्त कार्यवाही हेतु आवश्यक दिशानिर्देश दिये। कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देशित कर कहा कि इस कार्य हेतु उन्हें प्राधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने ऐसे हितग्राहियों के सर्वे का कार्य 25 अक्टूबर 2019 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं । कलेक्टर द्वारा अतिक्रमित भूमि के सर्वे हेतु 15 टीम गठित की गई है। जिनके पास स्थायी पट्टे उपलब्ध हैं उन्हें इस कार्यवाही से अलग रखा गया है। कलेक्टर श्री जनक प्रसाद पाठक ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देशित कर कहा है कि वे नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और आबंटन हेतु सर्वे की कार्यवाही आगामी 25 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से करें। कलेक्टर ने कृषि भूमि व गैरकृषि भूमि में परिवर्तन की अनुशंसा तथा गैरकृषि प्रयोजन के लिए प्रब्याजी और वार्षिक भू-धारक के निर्धारण की कार्यवाही आवेदन प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश सभी एसडीएम को दिये।
बैठक में कलेक्टर श्री पाठक द्वारा राजस्व अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन हेतु छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र में उल्लेखित प्रावधानों में संशोधनों की जानकारी दी गई। इसी प्रकार उन्होंने भूमि के आबंटन और अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय प्रब्याजी और वार्षिक भू-धारक के निर्धारण एवं शासन के निर्देशों से अधिकारियों को अवगत कराया गया। जिला स्तर पर उक्त कार्यवाही हेतु प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु राज्य शासन द्वारा निर्देशानुसार समिति गठित की गई है। कलेक्टर ने बताया कि गैर रियासती दर पर आंबटित भूमि को यदि पट्टे दर द्वारा भू-स्वामी हक मंे परिवर्तित करना चाहे तो उनसे प्रचलित गाईडलाईन एसटी के दो प्रतिवाद अधिक राशि लेकर भू-स्वामी अधिकार में परिवर्तित करने का अधिकार कलेक्टर को होगा। रिसायती दर पर आबंटित भूमि को भू-स्वामी हक में तभी परिवर्तित किया जाएगा जब पट्टेदार प्रचलित गाईडलाईन दर से पूर्ण प्रब्याजी का भुगतान कर दें। कलेक्टर द्वारा 20 अगस्त 2017 के पूर्व अतिक्रमित शासकीय भूमि का भी व्यवस्थापन किया जा सकेगा।
विकास योजना अंतर्गत आने वाले ग्रामों के लिए डायवर्सन:- कलेक्टर ने बैठक में बताया कि कृषि भूमि का गैरकृषि भूमि में परिवर्तन की अनुशंसा देन तथा गैरकृषि प्रयोजन के लिए प्रब्याजी और वार्षिक भू-धारक के निर्धारण के लिए सक्षम प्राधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ) को अधिसूचित किया गया है। कलेक्टर ने कहा है कि कृषि का गैर कृषि भूमि प्रयोजन के लिए अनुशंसा तथा वार्षिक भू-धारक का निर्धारण विकास योजना के अनुरूप किया जाना अनिर्वाय है।
विकास योजना के अंतर्गत सम्मिलित गांवों के लिए पांच हजार वर्गफीट से अधिक भूमि के डायवर्सन के आवेदन सर्वप्रथम नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा। संबंधित नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय के द्वारा विकास योजना के अनुसार अपना अभिमत देते हुए प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रेषित करें। नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय से अभिमत के साथ प्रकरण प्राप्त होने के बाद सक्षम प्राधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा 15 दिवस के भीतर प्रकरण में अनिवार्य रूप से या व्यपवर्तन न होने की स्थिति में कारण स्पष्ट करते हुए प्रकरण निरस्त किया जाए। किसी भी परिस्थिति में नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय से अभिमत प्राप्त होने के 15 दिवस से अधिक समय से लंबित नहीं होना चाहिए। विकास योजना के अंतर्गत सम्मिलित ग्रामों के लिए पांच हजार वर्गफीट तक की भूमि के डायवर्सन के आवेदन सक्षम प्राधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कार्यालय में प्रस्तुत करें। आवेदक को अपने आवेदन के साथ नक्शे में अपने भूखंड को अंकित करते हुए नक्शा संलग्न करना अनिवार्य होगा। सक्षम प्राधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को आवेदन प्राप्त होने पर आवेदक द्वारा प्रस्तुत नक्शे को नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा अनुमोदित विकास योजना के नक्शे से मिलान कर उसका भू-उपयोग की जानकारी प्राप्त कर डायवर्सन के आवेदन का निराकरण अनिवार्य रूप से आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर करें। ऐसे आवेदन अभिमत के लिए नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय मंे नहीं भेजे जाएंगे। नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय अनुमोदित मास्टर प्लान की प्रति जिसमें अनुमोदित मास्टर प्लान के संपूर्ण क्षेत्र का नक्शा जिसमें खसरा नंबरवार भूमि उपयोग को एक सप्ताह के अंदर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। व्यवर्तन के प्रकरणों में आवेदन के खसरा, बी-वन, नक्शा एवं आवेदन के अतिरिक्त अन्य कोई भी दस्तावेज मांग किये जाने की आवश्यकता नहीं है। व्यपवर्तन प्रकरणों में अगर सक्षम अधिकारी को किसी दस्तावेज पर संदेह हो तो अतिरिक्त जांच का उत्तरदायित्व होगा कि संपूर्ण अतिरिक्त की कार्यवाही 15 दिवस के भीतर पूर्ण करें। अतिरिक्त जांच के समय ऐसे दस्तावेज जो राजस्व विभाग के द्वारा संधारित किये जाते हैं। (जैसे- मिसल, चकबंदी, अभिलेख, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, पुराना खसरा पांचसाला, इत्यादि) को प्रस्तुत करने हेतु आवेदक को बाध्य नहीं किया जाएगा। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री तीर्थराज अग्रवाल, एसडीएम, तहसीलदार, सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।