छत्तीसगढ़ में एक दलित के साथ मॉब लिंचिंग, मुक्तिधाम के पास पड़ी मिली लाश, शरीर पर चोट के निशान, सरपंच का पति समेत 4 गिरफ्तार

दलित के साथ मॉब लिंचिंग

दलित के साथ मॉब लिंचिंग : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक दलित युवक की मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है, ग्राम पतेरापाली में ग्रामीणों ने चोरी के शक में एक व्यक्ति को पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान बागबाहरा विकासखंड के ग्राम मोहबा निवासी 50 वर्षीय कौशल सहिस के रूप में हुई है। उनका शव रविवार सुबह गांव से 500 मीटर दूर मुक्तिधाम के पास मिला है। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक ग्राम पंचायत की सरपंच का पति भी शामिल है।

छत्तीसगढ़ में एक दलित के साथ मॉब लिंचिंग, मुक्तिधाम के पास पड़ी मिली लाश, शरीर पर चोट के निशान, सरपंच का पति समेत 4 गिरफ्तारदलित के साथ मॉब लिंचिंग :घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में तनाव फैल गया। सहिस समाज ने घटना के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग की और पुलिस प्रशासन पर एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाया। समाज के नेताओं ने चेतावनी दी थी कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। आखिरकार पांच दिन बाद पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की।

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दलित के साथ मॉब लिंचिंग :सामाजिक संगठनों ने इस घटना को दलित उत्पीड़न का गंभीर उदाहरण बताते हुए शासन से निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। वहीं, ग्रामीणों के बीच अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने एहतियातन गांव में बल तैनात कर दिया है ताकि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। महासमुंद एसपी ने कहा कि “कानून अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला मॉब लिंचिंग का स्पष्ट उदाहरण है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

दलित के साथ मॉब लिंचिंग :गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों हेमंत चंद्राकर (50, सरपंच पति), मनीष चंद्राकर, अंकित चंद्राकर और लोकेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया। चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, जिनमें सदोष मानव वध (क्यूल्पेबल होमिसाइड) और सामूहिक रूप से हत्या जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच तेज कर दी गई है और घटना में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है।

 

दलित के साथ मॉब लिंचिंग
दलित के साथ मॉब लिंचिंग

केबल चोरी के लेकर दलित के साथ मॉब लिंचिंग

शनिवार सुबह लगभग 10 बजे कौशल सहिस को गांव से एक किलोमीटर दूर रेलवे पटरी के पास वन भूमि पर केबल जलाकर तांबे का तार निकालते देखा गया। धुआं देखकर कुछ ग्रामीण वहां पहुंचे और उसे पकड़ लिया। ग्रामीणों ने उसके हाथ बांधे और सरपंच हेमंत चंद्राकर को सूचना दी। इसके बाद कौशल को बंधे हुए हाथों के साथ गांव लाया गया। उसे नंगे पांव पीटते हुए गांव के महावीर चौक नीम पेड़ के पास लेकर आए और जमीन पर बैठा दिया। चोर पकड़े जाने की खबर से गांव में भीड़ एकत्र हो गई। इस दौरान कौशल को जमकर पीटा गया जिसके बाद दूसरे दिन यानि रविवार की सुबह कौशल की लाश गांव के ही मुक्तिधाम के पास पड़ी मिली।

 

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दलित के साथ मॉब लिंचिंग : घटना की सूचना पर सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और पहले अज्ञात शव मानकर पंचनामा और मर्ग कायम किया। फॉरेंसिक टीम ने प्रारंभिक जांच में मारपीट के कारण अंदरूनी चोट से मौत होने की आशंका जताई है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

एडिशनल एसपी प्रतिभा पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल एवं शव का निरीक्षण किया है, दो डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया है। परिजनों से पूछताछ के आधार पर जांच की जा रही है, दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।

दलित के साथ मॉब लिंचिंग : कोतवाली प्रभारी शरद दुबे अपने दल-बल के साथ घटना स्थल पहुंचे थे। फॉरेंसिक टीम को शर्ट में घसीटने और फूलपेंट पर मिट्टी और हाथ में संघर्ष के निशान मिले हैं। मृतक के सिर के नीचे मिट्टी गिली और उसके मुंह में पानी भरा मिला है। टीम का मानना है कि उसे बचाने की कोशिश में पानी पिलाया गया होगा। फॉरेंसिक टीम को मृतक के कपड़े पर जिस तरह मिट्टी के निशान मिले हैं उससे उसके साथ मारपीट करने और अंदरुनी चोट से मौत होने का अंदेशा जताया गया है।

दलित के साथ मॉब लिंचिंग : यह घटना चार दिन पहले की है और पुलिस को अब तक सबूत के तौर पर कुछ भी हाथ नहीं लग पाया है। गौर करने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पतेरापाली में माॅब लिंचिंग में दलित की मौत अब जिले की कानून व्यवस्था की कलाई खोल कर रख दी है। पुलिस इतनी बड़ी वारदात होने के बावजूद जांच के नाम पर खाक छानते दिखाई दे रही है।

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दलित के साथ मॉब लिंचिंग : इस पूरी वारदात को सरपंच, कोटवार समेत ग्रामीणों ने पुलिस से छिपाए रखा। मौके पर पहुंचकर सिटी कोतवाली प्रभारी शरद दुबे ने सरपंच हेमंत चंद्राकर से जब घटना के संबंध पूछा तो हेमंत ने किसी भी प्रकार की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। ग्रामीण भी खामोशी साध ली, जबकि गांव में शनिवार की सुबह चोर पकड़े जाने की जानकारी सरपंच, कोटवार सहित ग्रामीणों ने पुलिस को भी नहीं बताया।

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दलित के साथ मॉब लिंचिंग : इस मामले में एडिशनल एसपी प्रतिभा पाण्डेय का कहना है लाश मिली है। शिनाख्त नहीं हो पाई थी, लेकिन अब शिनाख्त हो गई है। फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल एवं शव का निरीक्षण किया है। दो डाक्टरों की टीम ने पीएम किया है। परिजनों से पूछताछ में जो निकलकर आएगा इसके बाद ही आगे की विधि संगत कार्रवाई करेंगे। अन्य एविडेंस भी कलेक्ट कर रहे हैं।

 

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