जांजगीर जिला के पामगढ़ नगर पंचायत में इस बार चुनाव बहुत ही ख़ास रहने वाला है| ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनने के बाद यह पहला चुनाव है। इस चुनाव को लेकर पामगढ़ नगर पंचायत की घोषणा से हलचल शुरू हो चुकी थी। सभी पार्टियों अपने जीत को लेकर मजबूत प्रत्याशियों की तलाश में जुटी हुई थी। धीरे-धीरे सभी पार्टियों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। इस बसपा और बीजेपी ने व्यापारी परिवार पर दाव खेल है। जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक परिवार पर भरोसा जताया है। अब देखना है कि पामगढ़ की जनता किस अपना पहला अध्यक्ष बनती है।
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कहने को तो पामगढ़ विधानसभा को बसपा का गढ़ माना जाता है। किंतु पिछले 2-4 पंचवर्षीय में यहां बहुत उलट फेर हुए हैं। कभी नहीं जीतने वाली बीजेपी भी यहां पर जीत हासिल की है| जबकि भारी बहुमतों से क्षेत्र पर राज करने वाली बसपा को भी अब जीत के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। पामगढ़ में अब सभी पार्टियों के वोट प्रतिशत का अंतर काफी कम होता जा रहा है। इससे यह अंदाजा लगाना अब बहुत मुश्किलों भरा हो सकता है कि पामगढ़ में कौन सी पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है।
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हालांकि तीनों उम्मीदवार का परिवार पामगढ़ नगर पंचायत के क्षेत्र में किसी नाम के मोहताज नहीं है किंतु चुनावी क्षेत्र में कांग्रेस को छोड़ दिया जाए तो बसपा और बीजेपी के उम्मीदवार राजनीति में नए हैं। हालांकि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि का दखल पामगढ़ की राजनीति में रहा है। किंतु दोनों ही महिलाएं राजनीति से अनभिज्ञ रही है।
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हमेशा की तरह इस बार भी बीजेपी ने ही अपना पता पहले खोला था और पामगढ़ नगर पंचायत के अध्यक्ष के लिए छड़ सीमेंट व्यवसाय परिवार की प्रियंका टंडन को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस परिवार में पूर्व से ही पामगढ़ पंचायत में पंच रहे हैं। और पामगढ़ ग्राम पंचायत में गहराई से दखल रखते थे। व्यवसाय परिवार होने की वजह से इनका भी पामगढ़ नगर में अच्छा खासा अस्तित्व है।
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इसके बाद बसपा ने भी पामगढ़ नगर पंचायत के लिए अपना उम्मीदवार के तौर पर व्यवसायिक परिवार की गौरी जांगड़े को मनोनीत किया। उनके पति पूर्व में जनपद सदस्य भी रह चुके हैं। किंतु राजनीति में इच्छा शक्ति ना जताते हुए इन्होंने अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित किया। पामगढ़ में खाद बीज का इनका व्यवसाय बखूबी चर्चा में है। इस वजह से बसपा ने इन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
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कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला खरे पामगढ़ नगर पंचायत में किसी नाम की मोहताज नहीं है। पामगढ़ विधानसभा के प्रथम विधायक रहे स्व. बहारिक लाल सूर्यवंशी परिवार से संबंध रखती हैं| साथ ही इनका परिवार सांसद व विधायक परिवार चरण दास महंत से काफी अरसे से जुड़ा हुआ हैं। शकुंतला खरे कांग्रेस में विभिन्न राजनीतिक पदों में भी अपना दायित्व निभा रही हैं| नगर पंचायत के बहार जिला व प्रदेश की राजनीतिक क्षेत्र में भी सक्रिय रहती है।
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पामगढ़ नगर पंचायत का चुनाव पहली बार होने जा रहा है इसलिए किसी को अंदाजा नहीं है कि किस पार्टी को या किसी व्यक्ति को जनता स्वीकार्य करेगी। पामगढ़ नगर में अनुसूचित जाति की संख्या अधिक होने के बावजूद ओबीसी व सामान्य वर्ग की संख्या को नकारा नहीं जा सकता। कांग्रेस व भाजपा के पास अपना वोट बैंक भी यहां पर अच्छा खासा इस वर्ग पर है। किंतु बसपा को भी कम आंका नहीं जा सकता। विधानसभा में एक बड़ा हिस्सा बसपा को समर्थन करता है।
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