Monday, November 4, 2024
spot_img

पादप वृक्ष, किस्म एवं पक्षी, पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियान…

Johar36garh (Web Desk)| प्रतिवर्ष जिलेभर के विभिन्न ग्रामो और शहरी क्षेत्रो मे लोगो को पादप वृक्ष संरक्षण,पर्यावरण और वृक्षारोपण साथ ही वर्तमान कोरोनावायरस से बचाव की दी जा रही है| वैज्ञानिक जानकारिया नारे और श्लोगन के जरिए जागरूक करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है| जिससे लोगो मे जागरूकता आ रही है|

कृषि वैज्ञानिक चंद्रशेखर खरे ने बताया की इसी तारतम्य मे जांजगीर, पेंडरी, जर्वे सहित पांमगढ, बम्ह्नींनडीह, बलोदा, नवागढ, अकलतरा, शक्ति, जैजैपूर, डभरा आदि विकास खंडो के विभिन्न ग्रामो मे सड़को के किनारे लोगो को पेड़ लगाने, हमारे जीवन मे वृक्षो की महत्ता और उपयोगिता सहित पक्षी संरक्षण के कार्यो हेतु भी घोसले और सरोना पेड़ो मे लटकाया जा रहा है| जिससे पक्षियो को परियावास प्राप्त हो सके, चुकी पक्षी परागण कराने और खाद्यान्न फसलो का कीड़े मकोडो से फसलो की रक्षा के साथ जैविक किट नियंत्रक का कार्य करती है|

उपरोक्त अभियान की शुरूवात महान समाज सेवक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. हिंच्छाराम खरे एवं स्व.गणेशराम खरे तथा महान देहदानी स्व.मनोज कुमार खरे द्वारा किया गया था और उनके स्वर्गवासी हो जाने के बाद इस कड़ी को धर्मेन्द्र कुमार खरे के मार्गदर्शन मे कृषिवैज्ञानिक चंद्रशेखर खरे एवं सुमनचंद्रशेखर खरे द्वारा धरातल के साथ फेसबुक, ट्विटर, वॉटसॅप, यूट्यूब के जरिए गणमान्य नागरिको कृषको को पौध, किस्म एवं पक्षी संरक्षण के बारे मे जागरूक कर खेत मे फैले पैरा को एकत्रित करने,फैले पैरा को त्र्ईकोडरमा द्वारा जैविक खाद बनाने नरवा, गरवा, घुरवा,बाड़ी की महत्ता की वैग्यानिक पद्धति आधुनिक कृषि तकनीकी की समस्त जानकारी निशुल्क प्रदान की जा रही है, वही थींम गीत साढ़े तीन लाख लोगो की पहली पसंद बन गई है|

कृषि वैज्ञानिक चंद्रशेखर खरे ने बताया की अब तक जिले के प्रगतिशील कृषक रामप्रकाश केशरवानी, रामाधार देवांगन, दुष्यंतसिंग, दीनदयाल यादव एनबीपीजीआर, पीपीवीएफआरए कृषक अधिकार एव पेटेंट प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके है जिले के तीन सौ बहत्ततर संरक्षित किस्मो को कृषि विग्यान केंद्र के माध्यम से राष्ट्रीय पादप आनुवंशिकी अन्वेषण श्रोत और भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान भी भेजा गया है कृषि संबंधी निशुल्क सलाह और प्रशिक्षण के लिए 8770414150 पर संपर्क करे भारत सरकार की ओर से पाँच हजार से दस लाख रुपये तक पेटेंट प्रोत्साह्न राशि भी जीत सकते है| वर्तमान मे छत्तीसगढ़ मे लगभग 28 हजार किस्मो का जीनोम इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय मे संरक्षण किया जा चुका है, उपरोक्त संयुक्त जन जागरूकता अभियान के सदस्य आर्यन सोनवानी,डा.चंद्रमणि देव,दीपक तिवारी का योगदान है|

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles