पामगढ़ में सरपंच चुनाव
कुछ पल की जीत की खुशी, प्रमाण-पत्र लेने पहुंचे तो मिली हार की खबर, प्रत्याशी पहुंचा अस्पताल, जीता प्रत्याशी को था विश्वास
जांजगीर जिला के जनपद पंचायत पामगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में अनोखा मामला सामने आया है। चुनाव के बाद जिस सरपंच प्रत्याशी को अधिक वोट मिले थे| वह रात को जश्न मनाया और सुबह प्रमाण पत्र लेने पहुंचा, तो उसे अंदाजा भी नहीं था कि उसके साथ क्या होने वाला है। दरअसल वह सरपंच प्रत्याशी जीता नहीं था बल्कि हार गया था। और जो सरपंच प्रत्याशी हार का गम बनाकर घर में सोया था वह जीत गया था| उसे पता ही नहीं था| पूरा मामला ग्राम पंचायत चोरभट्टी है|
पामगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र में 23 फरवरी को त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के लिए वोट डाले गए| ग्राम पंचायत चोरभट्टी में 4 बूथ बनाए गए थे| मतदान प्रक्रिया पूरा होने के बाद चारों बूथ में अलग-अलग मतगणना हुई| वहां मौजूद प्रतिनिधि अपने-अपने आकड़े लिखकर जोड़ लगाए| जिसमे जानकी प्रसाद कश्यप को 451 वोट मिले जबकि नेतराम को 417 वोट मिले | जिससे जानकी प्रसाद 34 वोट से अधिक थे | खबर मिलने के बाद उनके समर्थक ख़ुशी के मारे झूम उठे और मस्ती में डूब गए| 2 दिन जश्न के बाद प्रमाण-पत्र लेने पहुंचे तो मामला कुछ और ही था |
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प्रत्याशी को आया चक्कर
25 फरवरी को जब प्रमाण-पत्र लेने के लिए जानकी प्रसाद कश्यप पामगढ़ पहुंचे तो अधिकारीयों ने नेतराम की जीत जानकारी दी और प्रमाण पत्र देने से मानकर दिया | यह बात सुनकर जानकी प्रसाद के होश उड़ गए और चक्कर आने लगे उसे तत्काल हास्पिटल ले जाया गया| जहाँ डाक्टर ने उसका उपचार किया| निर्वाचन अधिकारीयों ने उन्हें 38 वोट से हार की जानकारी दी|
कहाँ हो सकती है गलती
johar36garh news ने जब ग्राम पंचायत में चर्चा की तो बताया की बूथ क्रमांक 76, 77, 78 और 79 में मतदान और मत की गिनती हुई | पंचायत में 6 प्रत्याशी थे| उन्होंने बताया की बूथ 79 के अंक में फेरबदल हुआ है| इस बूथ में 3 नंबर के प्रत्याशी नरेश कश्यप को 157 वोट मिले थे और नेतराम को 85 वोट मिले थे| उन्होंने आशंका जताई है की इन्ही के वोट में हेरफेर हुआ है| नरेश कश्यप का वोट नेतराम में डाला गया | जिससे नेतराम का वोट 417 से बढ़ कर 489 हो गया | जो जानकी प्रसाद के 451 वोट से 38 वोट अधिक है|
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निर्वाचन आयोग करेंगे शिकायत
इस घटना के बाद से पूरा गाँव कश्मकश में है | वहीं प्रत्याशी जानकी प्रसाद की अभी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है| डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है| उन्होंने कहा की तबियत ठीक होने के बाद इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे |
जीत का था विश्वास : नेतराम
इस संबंध में नेतराम ने कहा की वह गरीब परिवार से है और हमेशा लोगों के बीच में रहता है | गाँव के गरीब लोगों के विश्वास के बाद वह चुनाव लड़ा था और सभी ने उसके पक्ष में वोट डाला है| उन्हें विश्वास था की वह जीत जाएगा | उन्होंने बताया की वोटों की गिनती के समय माहौल ख़राब हो रहा था | जिसके कारण उसके समर्थकों ने उसे घर भेज दिया था| इस कारण आकड़ों की सही जानकारी उनके पास नहीं है| लेकिन विश्वास है की उसने चुनाव जीत लिया है|
प्रमाण-पत्र देने की मांग
नेतराम ने कहा की उन्हें मंगलवार को जानकारी हुई की वह चुनाव जीत लिया है| लेकिन उसे अभी प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया है | बुधवार को छुट्टी है गुरुवार को वह प्रमाण-पत्र लेने के लिए कार्यालय जाएँगे | उन्होंने कहा की उन्हें प्रमाण-पत्र मिलना चाहिए क्योंकि वह जीत गया है| यदि उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा तो वह भी निर्वाचन आयोग से शिकायत करेंगे |