भोपाल
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले से लगा सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले पर प्रतिबंध अब सरकार जल्द हटाएगी। 15 दिन के लिए सभी विभागों को प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले करने की अनुमति रहेगी।
तबादला नीति को जल्द देंगे अंतिम रूप
किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे। इसके लिए तबादला नीति का प्रारूप भी तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव मंत्रियों से विचार-विमर्श करने के बाद नीति को अंतिम रूप देंगे। प्रदेश में वर्ष 2021 में तबादला नीति घोषित की गई थी। तब जुलाई में एक माह के लिए तबादले से प्रतिबंध हटाया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से तबादले होते रहे पर नीति घोषित नहीं की गई। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची की तैयारी के चलते निर्वाचन कार्य से सीधे जुड़े कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, शिक्षक और पटवारियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया। उन अधिकारियों को जरूर स्थानांतरित किया गया, जो 3 वर्ष से एक ही स्थान पर पदस्थ थे। यही प्रक्रिया लोकसभा चुनाव के लिए भी अपनाई गई। चुनाव होने के बाद जनप्रतिनिधियों की भी अपेक्षा है कि वे अपने हिसाब से अपने क्षेत्र में अधिकारियों की पदस्थापनाएं कराएं ताकि समन्वय के साथ काम हो सके।
मंत्री भी चाहते हैं अपने अधिकारी
वहीं, कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों की निजी समस्याएं भी हैं। मंत्री भी मैदानी स्तर पर अपने हिसाब से जमावट करना चाहते हैं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए तबादला नीति घोषित कर तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने की तैयारी की गई है। प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारियों के मुख्यमंत्री, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के विभागीय मंत्री और जिले के भीतर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे। तबादला नीति का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व विभागीय अधिकारियों का होगा।