JJohar36garh News|छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार संयुक्त जिला कार्यालय में मंगलवार को आयोजित जन चौपाल के दौरान एक आकस्मिक घटना में रोहन नाम युवक ने एक दवा खा ली। कलेक्टर डोमन सिंह ने इस मामले की जांच के निर्देश एडीएम राजेंद्र गुप्ता को दिए हैं। उन्होंने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट 7 दिन के भीतर प्रस्तुत करने को कहा है।
कलेक्टर ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जनदर्शन में आए आवेदक रोहनदास मानिकपुरी, पिता श्री बुधेश्वर मानिकपुरी, बलौदाबाजार जिले की बिलाईगढ़ तहसील के ग्राम गाड़ापाली का निवासी है। आवेदक ने आते ही बिना चर्चा किए टेबल पर अपना आवेदन रखकर अपने साथ लायी एक छोटी दवा की बोतल में रखी दवा का सेवन कर लिया। जिला के समस्त अधिकारी वहां पर उपस्थित थे। घटना को देखते हुए उन्हें तत्काल जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार जारी है एवं डॉक्टरों ने बताया कि वे खतरे से बाहर हैं, उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। साथ ही उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
निरस्त हो गया था आवेदन
रोहनदास मानिकपुरी से पूछताछ एवं आवेदन से संबंधित विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली गयी, जिसमें प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि रोहन दास मानिकपुरी द्वारा वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन फार्म जमा किया गया था। टी. एफ. सी. की बैठक 3 फरवरी 2016 को भारतीय स्टेट बैंक शाखा गार्डन चौक बलौदाबाजार में हुई। जिसमें उक्त प्रकरण का अनुमोदन हुआ। उक्त प्रकरण बैंक से रिजेक्ट कर दिया गया। आवेदक द्वारा पुनः परिवार मूलक योजनान्तर्गत 30 अगस्त 2016 को कम्प्यूटर सेंटर हेतु ग्रामीण बैंक सरसीवां को आवेदन प्रेषित किया गया। सरसीवां ग्रामीण बैंक द्वारा श्री मानिकपुरी को 50 हजार रूपए स्वीकृत किया गया। उक्त प्रकरण में खादी ग्रामोद्योग विभाग जिला बलौदाबाजार द्वारा 21 मार्च 2017 को 13 हजार 5 सौ रूपए की सब्सिडी छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक सरसीवां को भेज दिया गया। शेष राशि बैंक द्वारा प्रदान नहीं की गयी। इसके पश्चात आवदेक श्री मानिकपुरी द्वारा डब्ल्यू.पी. (सी) नम्बर-2149/2018 द्वारा खादी ग्रामोद्योग विभाग एवं शासन को पार्टी बनाया गया। जिसका जवाब दावा हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए विभाग द्वारा सहायक संचालक खादी ग्रामोद्योग बिलासपुर श्री पंकज अग्रवाल को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था।
बिल नहीं दे पा रहा था युवक
प्रभारी अधिकारी द्वारा समय सीमा में जवाब दावा प्रस्तुत किया गया था। 13 जनवरी 2022 को अंतिम सुनवाई वी.सी. के माध्यम से की गई, जिसमें माननीय न्यायाधीश महोदय द्वारा उक्त प्रकरण को खारिज कर दिया गया एवं साथ ही उन्हें आदेशित किया कि आप बैंक को वेंडर का बिल दे दीजिए, जिससे आप को शेष राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी। आवेदक के द्वारा पी.एम.जी.पी में लेट होने के कारण परिवार मूलक दोनों योजना में आवेदन किया गया। जिसमें परिवार मूलक योजना में स्वीकृत 50 हजार रुपए की सब्सिडी 13 हजार 500 रूपए बैंक द्वारा उनके खाते में जमा कर दिया गया है। शेष राशि के संबंध में ग्रामीण बैंक सरसींवा के मैनेजर ने बताया कि आवेदक सामान खरीदकर वेंडर या सपलायर का बिल प्रस्तुत नहीं कर रहा है, जिसके कारण हम उन्हें राशि हस्तांतरित नहीं कर पा रहे हैं। अगर वह आज दिनांक को भी बिल प्रस्तुत करते हैं, तो शेष राशि सीधे वेंडर या सपलायर को हस्तांतरित कर दी जाएगी।