भारत में सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए युवाओं को नाकों चने चबाने पड़ते हैं. कुछ सौ सीट की वैकेंसी के लिए हजारों लाखों की तादाद में अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, ऐसे में गवर्नमेंट जॉब हासिल करने कतई आसान नहीं होता है.
युवाओं को लंबे समय तक इसकी तैयारी करनी होती है, जिसके बाद मेहनत के साथ ही भाग्य की भी जरूरत होती है. लेकिन, सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है. इंडियन रेलवे ने विभिन्न पदों के लिए भर्ती कैलेंडर (Recruitment Calendar) जारी करेगा. बताया जा रहा है कि रेलवे ने भर्ती कैलेंडर तैयार कर लिया है और जल्द ही उसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में भर्ती को लेकर बड़ी जानकारी दी है. रेलवे में भर्ती के बारे में पूछे जाने पर मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने रेलवे में रिक्तियों को भरने के लिए भर्ती कैलेंडर तैयार किया है. उन्होंने कहा, ‘चार तिमाहियों को रोजगार की एक विशेष श्रेणी से जोड़ा गया है. पहली तिमाही अर्थात जनवरी से मार्च को लोको पायलट की भर्ती के लिए निर्धारित किया गया है, दूसरी तिमाही तकनीशियन और जूनियर इंजीनियर को नियुक्त करने के लिए, तीसरी तिमाही गैर-तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती के लिए और चौथी तिमाही लेवल-1 अधिकारियों के लिए निर्धारित की गई है.’ इसका मतलब यह हुआ कि हर तिमाही में विभिन्न पदों के लिए वैकेंसी निकाली जाएगी. कैलेंडर के हिसाब से अभ्यर्थी अपनी तैयारियां शुरू कर सकते हैं.
‘राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप सही नहीं’
रेल दुर्घटनाओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय परिवहन सेवा देश की जीवन रेखा है और इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप नहीं होने चाहिए. वैष्णव ने कहा कि कुछ घटनाओं में परेशान करने वाले कुछ तथ्य सामने आए हैं, लेकिन रेलवे हर घटना की विस्तृत जांच कर रहा है. वैष्णव ने कहा, ‘कुछ घटनाओं में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो परेशान करने वाले हैं. इन्हें गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है.’ कैबिनेट मीटिंग के बाद रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे और रक्षा ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए. मेरा मानना है कि रेलवे को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए.’
हर दिन 14.5 KM तक बिछ रही पटरी- वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे देश की जीवन रेखा है और अगर कुछ भी नकारात्मक होता है तो यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए कि ट्रेन सेवाओं का संचालन कुशलता से हो. रेल मंत्री ने आगे बताया कि रेलवे ने पिछले एक वर्ष के दौरान मौजूदा नेटवर्क में 5,300 किलोमीटर रेलवे लाइन जोड़ी है. वैष्णव ने कहा, ’10 वर्ष पहले रेलवे में निर्माण की औसत गति चार किलोमीटर प्रतिदिन थी. आज यह 14.5 किलोमीटर प्रतिदिन है.’ उन्होंने कहा कि सभी स्वीकृत रेलवे परियोजनाएं अगले 5 वर्ष में पूरी हो जाएंगी.
(इनपुट: भाषा)