शनि की साढ़ेसाती, जो हर किसी के जीवन में एक बार जरूर आती है और 7.5 साल तक चलती है. शनि की साढ़ेसाती एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है जो शनि के राशि परिवर्तन के साथ हर ढाई साल में बदलती रहती है. जिस राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती चलती है उसको साढ़े सात साल तक मुश्किलों और कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
शनि ग्रह हर ढाई साल में अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं. शनि ने साल 2025 में मीन राशि में गोचर किया है. शनि का गोचर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शनि के इस गोचर के बाद शनि की साढ़ेसाती मेष राशि पर शुरू हो गई है.
शनि जिस राशि में गोचर करते हैं उसके एक आगे और एक पीछे वाली राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है. इस समय शनि मीन राशि में विराजमान हैं और शनि की साढ़ेसाती कुंभ, मीन और मेष राशि पर चल रही है.
शनि की साढ़ेसाती के चरण
शनि की साढ़ेसाती 3 चरणों में पूरी होती है. प्रथम चरण, द्वितीय चरण, तृतीय चरण. इस समय मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा है. कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है, वहीं मीन राशि पर मध्य या दूसरा चरण चल रहा है.
शनि की साढ़ेसाती के दौरान विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसीलिए अपने कर्मों को अच्छा रखें और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करें. शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है, जो लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं.
मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती
मेष राशि वालों को अगले साढ़े सात साल शनि की साढ़ेसाती का सामना करना पड़ेगा. साल 2025 में 29 मार्च से मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई, जो 30 मई, 2032 तक चलेगी. इस दौरान मेष राशि वालों को कार्यों में अड़चनों, मानसिक तनाव, संतान की चिंता और खर्चों में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान झूठ, छल, फरेब से अपने आप को दूर रखें. शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें, और सरसों के तेल का दिया जलाएं. जरूरतमंदों की सेवा करें. शनिवार के दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान जरूर करें.