बिहार।
बेतिया जिले में DEO यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कुबेर का खजाना मिला है। विजिलेंस की टीम ने गुरुवार को छापेमारी की तो घर से बड़े पैमाने पर कैश बरामद हुआ। यह रकम इतनी बड़ी है कि बिस्तरों पर नोटों के बंडल दिख रहे हैं और इस कैश कि गिनती के लिए मशीनें लगाई गई हैं। अधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर पर जिस समय विजिलेंस की टीम छापेमारी को पहुंची तो वह पूजा कर रहे थे। विजिलेंस की टीम ने बेतिया में रजनीकांत प्रवीण के आवास पर छापेमारी की है तो वहीं समस्तीपुर में सुसराल और दरभंगा में भी कार्रवाई की जा रही है।
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विजिलेंस की टीम ने उस किराये के घर पर मारी रेड
विजिलेंस की टीम ने बेतिया में जिला शिक्षा पदाधिकारी के घर पर छापेमारी की है तो वहीं एक टीम ने उनके समस्तीपुर स्थित ससुराल में भी रेड मारी है। दिलचस्प बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर काली कमाई करने वाले अफसर बेतिया के बसंत विहार इलाके में किराये के घर पर रहते थे। विजिलेंस की टीम ने उस किराये के घर पर ही सुबह 9 बजे दस्तक दी। विजिलेंस की टीम जब पहुंची तो रजनीकांत उस समय पूजा में बैठे थे। उनके यहां रेड में विजिलेंस की 8 सदस्यीय टीम पहुंची। वहीं समस्तीपुर के बहादुरपुर मुहल्ले में रजनीकांत की ससुराल में भी टीम पहुंची है। वर्ष 2012 में समस्तीपुर डीईओ की जिम्मेदारी भी रजनीकांत संभाल चुके हैं।
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विजिलेंस की टीम कई जगह ठिकानों में कर रही कार्यवाही
डीईओ रजनीकांत के अलावा उनकी पत्नी सुषमा के बारे में भी ऐसी जानकारी मिली हैं, जिससे पता लगता है कि वह भी खिलाड़ी हैं। पत्नी सुषमा तिरहुत एकेडमी प्लस टू स्कूल में शिक्षिका हैं. लेकिन वह वहां से एजुकेशन लीव लेकर दरभंगा में एक बड़े निजी स्कूल का संचालन करती हैं। विजिलेंस के सूत्रों का कहना है कि रजनीकांत और उसके परिवार के पास पटना, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में संपत्ति की सूचना मिली है। इसी के चलते कई जिलों में विजिलेंस की टीम छापेमारी कर रही है। रजनीकांत प्रवीण के यहां मिले कैश से हर कोई हैरान है और इतने ज्यादा नोटों के बंडल मिले हैं कि पूरे बिस्तर पर कैश ही बिखरा दिख रहा है।
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जिला शिक्षा अधिकारी की ऐसे मिलती है नौकरी
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद है, जो जिले में शिक्षा की गुणवत्ता और सभी सिस्टम की देखरेख करता है. यह पद राज्य सरकार के अधीन आता है, और डीईओ जिला स्तर पर शिक्षा नीतियों के कार्यान्वयन, निगरानी, और मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार होता है. इन पदों पर नवौकरी पाने के लिए उम्मीदवार को किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट की डिग्री होनी चाहिए. इसके बाद उम्मीदवार को राज्य सिविल सेवा परीक्षा परीक्षा को पास करना होगा. इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवारों की आयु 21 वर्ष से कम नहीं और 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. आयुसीमा उम्मीदवार की कैटेगरी पर निर्भर करता है.
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जिला शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारियां
जिला शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारियां व्यापक होती हैं और यह एजुकेशन सिस्टम की कई महत्वपूर्ण पहलुओं को नियंत्रित करता है. इनमें निम्नलिखित शामिल है.
एजुकेशन पॉलिसी का मैनेजमेंट: जिले में शिक्षा नीतियों को लागू करना और उनका निरीक्षण करना.
स्कूलों का निरीक्षण: सरकारी और निजी स्कूलों का निरीक्षण करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित मानकों का पालन कर रहे हैं.
बजट और अकाउंट मैनेजमेंट: शिक्षा विभाग के बजट का मैनेजमेंट और अकाउंट्स वर्कों का संचालन.
उपस्थिति और पदोन्नति: शिक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों की उपस्थिति और पदोन्नति की निगरानी करना.
प्रशासनिक कार्य: शिक्षा विभाग से संबंधित सभी प्रशासनिक कार्यों का संचालन.