धान की फसल में कब, कैसे और कौन सा डाले खाद, जाने नई तकनीक की जानकारी

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धान (Rice) खरीफ की प्रमुख फसल है। देश के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है। लेकिन कई राज्य के किसान धान की खेती (Paddy farming) में अधिक पानी खर्च होने के कारण इससे दूरी बनाने लगे हैं। लगातार गिरते भू-जल स्तर के कारण सरकार भी किसानों को धान की जगह अन्य फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जिसमें पानी कम खर्च होता हो।

 

ऐसे में धान की खेती में कम पानी खर्च हो इसके लिए धान की नई-नई किस्में भी खोजी जा रही हैं। इसके अलावा नई तकनीक से खेती करने की सलाह दी जा रही है। इसी कड़ी में एक ऐसी तकनीक खोजी गई है जिसमें विशेष खाद का इस्तेमाल करके किसान एक सिंचाई में धान की खेती कर सकते हैं।

 

धान की खेती में कितना लगता है पानी (How much water is required in paddy cultivation)

धान की खेती (Paddy farming) में चार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है जिसमें बहुत सा पानी खर्च हो जाता है जिससे धान की लागत बढ़ जाती है। एक अनुमान के मुताबिक एक किलो धान पैदा करने के लिए करीब 3,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से देखा जाए तो धान की खेती में अन्य फसलों की अपेक्षा सबसे अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है।

 

किस खाद के इस्तेमाल से धान में कम लगेगा पानी (Using which fertilizer will reduce water requirement for paddy)

यह एक ऐसी खाद है जो नारियल (Coconut) से बनाई जाती है। इस खाद में नारियल के छिलकों और डाभ का इस्तेमाल किया जाता है। इस खाद को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। नारियल और डाभ के प्रयोग से आप कम पानी के खर्च में धान की खेती कर सकते हैं। इससे आपके धान की लागत तो कम होगी ही, साथ ही पानी की बचत भी होगी जिससे आप अन्य फसल उगाने में इस्तेमाल कर पाएंगे।

कैसे तैयार की जाती है नारियल व डाभ से खाद (How is fertilizer prepared from coconut and dabh)

नारियल और डाभ को पहले एक साथ मिलाया जाता है और इसे सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। जब यह अच्छे से सड़ जाती है तो यह खाद का काम करेगी। अब आपको इस सड़ी हुई खाद को अपने खेत में छिड़कना होगा। इस तरह आप कम खर्च में धान की खेती के लिए घर पर सस्ती खाद तैयार कर सकते हैं।

 

नारियल खाद से कैसे होगी धान की खेती में पानी की बचत (How coconut fertilizer will help in paddy cultivation and water saving)

नारियल के छिलकों और डाभ से बनी यह प्राकृतिक खाद धान के खेत में सिंचाई के पानी को सौंख लेती है जिससे खेत में लंबे समय तक नमी बनी रहती है। ऐसे में किसान को धान की फसल में चार सिंचाई की जगह एक ही सिंचाई करने की आवश्यकता होती है। शेष तीन सिंचाई का काम यह खाद कर देती है। इस खाद के प्रयोग से पानी व पैसों की बचत होती है और धान की पैदावार भी अच्छी होती है।

कितनी मात्रा में करें नारियल खाद का इस्तेमाल (How much quantity of coconut manure should be used)

यदि आप अपने धान के खेत में नारियल खाद (coconut fertilizer) की एक किलोग्राम मात्रा का इस्तेमाल करते हैं तो यह एक किलोग्राम खाद करीब 10 लीटर पानी सोख लेती है। ऐसे में किसान अपने खेतों के आकार के हिसाब से इस खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह खाद प्राकृतिक रूप से तैयार होने के कारण इसका कोई विपरीत असर फसलों की पैदावार पर नहीं पड़ता है। इस तरह आप नारियल खाद का इस्तेमाल धान की खेती में करके पानी व पैसा दोनों की बचत कर सकते हैं।

धान की खेती में कितना लगता है रासायनिक उर्वरक (How much chemical fertilizer is required in paddy cultivation)

धान की खेती में किस्मों के हिसाब से खाद व उर्वरक की मात्रा देनी होती है। इसमें धान की कम अवधि वाली किस्मों के लिए प्रति हैक्टेयर 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश की मात्रा दी जाती है। वहीं धान की मध्यम अवधि वाली किस्मों में प्रति हैक्टेयर 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस तथा 50 किलोग्राम पोटाश की मात्रा दी जाती है। इसके अलावा धान की लंबी अवधि की किस्मों के लिए 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस तथा 80 किलोग्राम पोटाश की मात्रा डालना पर्याप्त रहता है।