बीएलओ की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी राज्यों को तुरंत कदम उठाने के निर्देश

नई दिल्ली 
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गहरी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने साफ कहा कि बीएलओ पर बढ़ते काम के बोझ को कम करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती तुरंत की जानी चाहिए। तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी टीवीके द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी तब आई जब कोर्ट को बताया गया कि देशभर में अब तक 35-40 बीएलओ की मौत अत्यधिक काम के दबाव के कारण हो चुकी है। याचिकाकर्ता ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग भी रखी। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया एक वैध प्रशासनिक कार्रवाई है जिसे समय पर पूरा किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, "अगर कहीं स्टाफ की कमी है, तो अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करना राज्य का कर्तव्य है।"

See also  सहारनपुर में पटरी से उतरी पैसेंजर ट्रेन, इस वजह से बेपटरी हुए कोच

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बीमार, असमर्थ या अत्यधिक दबाव में काम कर रहे अधिकारियों को लेकर राज्य सरकारें संवेदनशील रवैया अपनाएं और तुरंत वैकल्पिक स्टाफ तैनात करें। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करें ताकि बीएलओ के कार्य घंटे कम किए जा सकें। जहां 10,000 कर्मचारी मौजूद हैं, वहां आवश्यकता पड़ने पर 20,000 से 30,000 कर्मियों की तैनाती भी की जा सकती है। यदि कोई बीएलओ या कर्मचारी व्यक्तिगत कारणों, बीमारी या गंभीर परिस्थिति में ड्यूटी से छूट चाहता है, तो सक्षम अधिकारी केस-टू-केस आधार पर राहत दे सकते हैं। छूट मिलने पर उसकी जगह तुरंत किसी अन्य कर्मचारी को नियुक्त किया जाए।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आए हैं जहां बीएलओ ने काम के अत्यधिक दबाव, लंबी ड्यूटी और संसाधनों की कमी के कारण आत्महत्या कर ली। इस पर सीजेआई ने कहा, "यह बेहद गंभीर मामला है। जिस भी राज्य में ऐसा हो रहा है, वहां प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी होगी।" तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी टीवीके ने एसआईआर प्रक्रिया पर रोक लगाने या इसे संशोधित करने की मांग करते हुए कहा कि बीएलओ पर इतना अधिक बोझ डाला जा रहा है कि कई लोग तनाव में आकर जान गंवा रहे हैं। याचिका में कोर्ट से बीएलओ परिवारों को मुआवजा दिलवाने का अनुरोध भी किया गया है।

See also  100 सालों में हुआ आबादी का विस्फोट, भारत की तेजी ने दुनिया को चौंकाया