बस में हनुमानजी के स्टिकर से मुस्लिम युवक ने की आपत्ति, फिर यूं घिरी कांग्रेस

बेंगलुरु
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में भगवान हनुमान के नाम पर घमासान हो गया था। अब एक बार फिर भगवान हनुमान को लेकर विवाद शुरू हो गया है। विवाद महज बस में लगे एक हनुमान जी के स्टिकर से शुरू हुआ, जिसके बाद यह सियासी हो गया है। एक मुस्लिम नेता ने सरकारी बस में लगे भगवान हनुमान के स्टिकर को लेकर शिकायत की। उसने इसे लेकर आपत्ति जताई कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस तरह से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं लगाई जा सकती। युवक की शिकायत पर ट्रांसपोर्ट विभाग ने भी कार्रवाई करने को कहा है। इधर अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगना शुरू हो गया है। यातायात विभाग ने कहा कि सरकारी बस में बजरंगबली की फोटो किसने, कब और कैसे लगाई इसकी जांच होगी।

कर्नाटक की इस सरकारी बस का नंबर KA-10 F-0455 है। इसकी तस्वीर खींचकर मुस्लिम युवक ने एक्स पर पोस्ट डाला। तस्वीर में बस के रजिस्ट्रेशन का नंबर दिख रहा है और इसके पीछे शीशे पर किनारे एक छोटी सी भगवान हनुमान की तस्वीर लगी है।

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युवक ने की कार्रवाई की मांग

युवक ने लिखा, 'मैंने इस बस को चिकमगलूर बस स्टैंड में देखा, बस के पीछे की ओर एक धार्मिक तस्वीर है। क्या सरकारी बसों में कोई धार्मिक तस्वीर लगाना ठीक है? कृपया चालक और संचालक पर कार्रवाई करें।'

विभाग ने दिया यह जवाब

युवक ने इस पोस्ट के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को टैग किया। डिपार्टमेंट ने इस पर उत्तर दिया कि आपकी पोस्ट के लिए धन्यवाद, हम आगे की जांच के लिए संबंधित डिपो को भेज रहे हैं।

कौन है आरिफ अरवाह

इस मुस्लिम युवक का नाम आरिफ अरवाह है। उसने यह शिकायती पोस्ट 31 जुलाई को की। आरिफ चिकमगलूर का रहने वाला है। वह खुद को विधानसभा क्षेत्र में SDPI (Social Democratic Party of India) का महासचिव बताता है। हालांकि यह संगठन PFI का छात्र संगठन है, जिसे केंद्र सरकार बैन कर चुकी है।

कांग्रेस सरकार निशाने पर आई

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इधर पोस्ट पर जवाब देना ट्रांसपोर्ट विभाग पर भारी पड़ गया। नेटिजन्स ने कांग्रेस की सरकार को निशाने पर लिया और उन्हें हिंदू विरोधी बताया। एक यूजर ने लिखा कि कार्रवाई कांग्रेस सरकार के इशारे पर हो रही है। सरकार हिंदू विरोधी है, वर्ना विभाग इस तरह की यूजर की पोस्ट पर जवाब नहीं देता।