महाकुंभ में भगदड़, मृतकों की संख्या में झोल, 37 नहीं 82 लोगों के मिले प्रमाण, मुआवजा में बंदरबांट

महाकुंभ में भगदड़, मृतकों की संख्या में झोल, 37 नहीं 82 लोगों के मिले प्रमाण, मुआवजा में बंदरबांट  : प्रयागराज में महाकुंभ के खत्म होने के 104 दिन बाद एक चौका देने वाली रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या 37 नहीं, बल्कि 82 है. जिसे सरकार ने छिपाने का काम किया है. 26 परिवार के लोगों से यूपी पुलिस ने तबियत बिगड़ने से मौत होने की बात लिखे हुए फार्म पर साइन कराया और उन्हें बदले में 5-5 लाख रुपए दिए गए. ये सारी बातें रिपोर्ट में कही गई हैं. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं क्या सच में यूपी सरकार ने लोगों के मौत के आंकड़े को छिपाया है?

 

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बता दें कि बीबीसी हिंदी ने एक रिपोर्ट के जरिए दावा किया है कि योगी सरकार ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में मौत के आंकड़े को छिपाने का काम किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि महाकुंभ में कुल 82 लोग मारे गए हैं, जबकि सरकार ने 37 का आंकड़ा ही जारी किया. बात तो ये भी सामने आई कि भगदड़ में मारे गए लोगों से यूपी पुलिस ने जबरदस्ती साइन करवाया है कि उनके परिजन की मौत भगदड़ में नहीं, बल्कि बीमारी की वजह से हुई है. जिसके लिए 5-5 लाख रुपए दिए गए. पैसे देते हुए पुलिस का वीडियो भी मौजूद है.

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कहां के लोगों को मिला 5-5 लाख

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 26 परिवार को 5-5 लाख रुपए दिए गए हैं. जिनमें से 18 परिवार उत्तरप्रदेश के, 5 बिहार के, 2 पश्चिम बंगाल के और 1 झारखंड का परिवार है. जिन पर दबाव डालकर कागजों मे साइन करवाया गया है. रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि उनके पास 82 लोगों के मौत के और पुलिस द्वारा पैसे देने के पुख्ता सबूत हैं.

 

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चार जगहों पर मची थी भगदड़
रिपोर्ट के मुताबिक मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में चार जगहों पर भगदड़ मची थी. जिसमें लोगों की मौत हुई. सीएम योगी के मुताबिक 37 में से 35 लोगों को सरकार द्वारा 25-25 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है. जो डायरेक्ट ट्रांसफर या चेक के ज़रिए दी गई.

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बीबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जांच के दौरान 26 परिवार ऐसे मिले, जिन्हें 5-5 लाख रुपये कैश में दिए गए है. उनके पास यूपी पुलिस द्वारा ये राशि देते हुए वीडियो और फोटो भी मौजूद है. इन कई परिवारों ने दावा किया उनसे जबरन ऐसे पेपरों पर साइन कराए गए जिनपर अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत होने की बात कही गई थी. इसके अलावा पड़ताल में 19 और ऐसे परिवार भी मिले जिन्हें 5-5 लाख रुपये भी नहीं मिले |

 

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तीन कैटेगरी में बांटे गए मृतकों के परिवार
बीबीसी की रिपोर्ट में महाकुंभ में मारे गए 82 मृतकों को तीन हिस्सों में बांटा गया है. इनमें से पहले पहली कैटेगरी में वो लोग हैं जिन्हें 25-25 लाख रुपये मिले, दूसरी कैटेगरी में 5-5 लाख रुपये कैश में मिलने वाले परिवार है जबकि तीसरी कैटेगरी में मृतकों के ऐसे परिवार है जिन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली. जिन लोगों को 5-5 लाख रुपये दिए गए उनमें 18 उत्तर प्रदेश से है, 5 बिहार और 2 पश्चिम बंगाल और एक झारखंड का परिवार है. इन सभी को कैश में पैसे दिए गए. ये पैसे विधिक तरीके से दिए इसके संकेत नहीं है.

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तीसरी कैटेगरी में 19 मृतकों के परिवार हैं जिन्हें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है मृतकों की संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है. जिन 82 लोगों की भगदड़ में मौत होने का दावा किया गया है उन सभी के भगदड़ में मौत होने के पुख्ता सबूत और चश्मदीद गवाह भी मौजूद है.

 

 

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